मूंग की फसल

मूंग आमतोर पर गर्मियो/मानसून मे बोई जाने वाली फसल है मूंग प्रोटीन से भरपूर फसल है आईए जानते मूंग की खेती के बारे मे और इसकी खेती कैसे करे

मिट्टी एवं तैयारी

मूंग की खेती के लिए दोमट एवं बलुई दोमट भूमि सर्वोत्तम होती है । भूमि में उचित जल निकास की उचित व्यवस्था होनी चाहिये । पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल या डिस्क हैरो चलाकर करनी चाहिये तथा फिर एक क्रौस जुताई हैरो से एवं एक जुताई कल्टीवेटर से कर पाटा लगाकर भूमि समतल कर देनी चाहिये ।अगर खेत खाली हो तो एक जुताई गर्मियों मे कर दे ताकि खेत के कीड़े मकोड़े मर जाए इसलिए इसकी फसल करने से पहले खेत को अच्छी तरह से तैयार कर लेना चाहिए

खाद एवं बीजोपचार

दलहनी फसल होने के कारण मूंग को कम नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है । मूंग के लिए 20 किलो नाइट्रोजन तथा 40 किलो फास्फोरस प्रति हैक्टेयर की आवश्यकता होती है । नाइट्रोजन एवं फास्फोरस की समस्त मात्रा 87 कि.ग्रा . डी.ए.पी. एवं 10 कि.ग्रा . यूरिया के द्वारा बुवाई के समय देनी चाहिये । मूंग की खेती हेतू खेत में दो तीन वर्षों में कम से कम एक बार 5 से 10 टन गोबर या कम्पोस्ट खाद देनी चाहिये । इसके अतिरिक्त 600 ग्राम रोइजोबियम कल्चर को एक लीटर पानी में 250 ग्राम गुड़ के साथ गर्म कर ठंडा होने पर बीज को उपचारित कर छाया में सुखा लेना चाहिये तथा बुवाई कर देनी चाहिये । खाद एवं उर्वरकों के प्रयोग से पहले मिट्टी की जांच कर लेनी चाहिये ।

बीज एवं बुवाई

बुवाई कतारों में करनी चाहिये ।कतारों के बीच की दूरी 45 से.मी. तथा पौधे से पौधे की दूरी 10 सेन्टीमीटर उचित होती है ।स्वस्थ एवं अच्छी गुणवत्ता वाला तथा उपचारित बीज बुवाई के काम लेना चाहिये ।बुआई का सामान्य समय मध्य जून से मध्य जुलाई तक का होता है बुआई की गहराई 3 सेन्टी मीटर के आसपास होनी चाहिए

खरपतवार नियंत्रण

फसल की बुवाई के एक या दो दिन पश्चात् तक पेन्डीनैथालीन ( स्टोम्प ) की बाजार में उपलब्ध 3.30 लीटर मात्रा को 500 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़काव करना चाहिये । फसल जब 25-30 दिन की हो जाये तो एक गुड़ाई कस्सी से कर देनी चाहिये या इमेजीथाइपर की 750 मि . . मात्रा प्रति हैक्टेयर की दर से पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर देना चाहिये ।ध्यान रहे खेत मे एक से ज्यादा फसल होने पर दवा का प्रयोग नहीं करे